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Friday May 10, 2024
Aryavart Times

भगवान श्रीराम पर बयान दे अपने ही देश में मजाक बने प्रधानमंत्री ओली

भगवान श्रीराम पर बयान दे अपने ही देश में मजाक बने प्रधानमंत्री ओली

भगवान श्रीराम पर अपने बेतुके बयान के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपने ही देश में मजाक बन गए हैं। राम का जन्मस्थान नेपाल के बीरभूमि के थोरी गांव में बताने पर उनकी कड़ी आलोचना करते हुए नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई ने कहा, 'पीएम ओली ने सारी हदें पार कर दी हैं। अब हमें उनसे कलयुग की नई रामायण सुनने की उम्मीद करनी चाहिए।' नेपाल के विभिन्न राजनीतिक दलों ने ओली के राम पर दिए विवादित बयान को वापस लेने की मांग की है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा, 'इतने अतिरेक से केवल मुसीबत बढ़ती है। प्रधानमंत्री ओली ने अपने बयान में सारी हदें पार कर दी हैं। 

बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने एक नया विवाद खड़ा करते हुए सोमवार को दावा किया था कि “वास्तविक” अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं।

उन्होंने कहा कि भगवान राम का जन्म दक्षिणी नेपाल के थोरी में हुआ था। ओली ने कहा था, “हालांकि वास्तविक अयोध्या बीरगंज के पश्चिम में थोरी में स्थित है, भारत अपने यहां भगवान राम का जन्मस्थल होने का दावा करता है।”

ओली ने कहा कि इतनी दूरी पर रहने वाले दूल्हे और दुल्हन का विवाह उस समय संभव नहीं था जब परिवहन के साधन नहीं थे।

इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री कमल थापा ने कहा कि प्रधानमंत्री से ऐसे बेतुके, अपुष्ट और अस्वीकार्य बयान की उम्मीद नहीं थी। ऐसा लगता है ओली ने भारत से संबंध सुधारने के बजाय अपना पूरा ध्यान नेपाल और भारत के संबंध बिगाड़ने पर केंद्रित कर दिया है। यह बात बिलकुल भी ठीक नहीं है।

एनसीपी के वरिष्ठ नेता बाम देव गौतम ने कहा कि प्रधानमंत्री ओली को अयोध्या पर अपना विवादित बयान वापस ले लेना चाहिए।

सत्तारूढ़ दल की प्रचार समिति के उप प्रमुख बिष्णु रिजाल ने कहा कि इतने ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति के ऐसे बेबुनियाद और असंगत बयान से देश की प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल जाएगी।

वहीं, बयान पर विवाद बढ़ता देख नेपाल के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा, "प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी किसी भी राजनीतिक विषय से जुड़ी नहीं है और किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है."

विश्व हिन्दू परिषद्(विहिप) के राष्ट्रीय  कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि भगवान श्री राम और भगवान पशुपति नाथ भारत और नेपाल के हिन्दू समाज के बीच अटूट धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक सम्बन्धों का आधार हैं और भगवान राम को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली का बयान संभवतः किसी विदेशी ताकत के दबाव का नतीजा है ।

 कुमार ने अपने बयान में कहा, ‘‘श्री राम जन्म भूमि के सम्बन्ध में धर्म-ग्रंथों, परम्परा, जनश्रुति  व इतिहास में एकमत से वर्णन है कि वर्तमान अयोध्या ही भगवान श्री राम की जन्मभूमि है और इस सम्बन्ध में कही कोई भी दूसरा मत कभी व्यक्त नही किया गया। हर वर्ष श्री राम की बारात अयोध्या से नेपाल के जनकपुरी में जाती है। इस सम्बन्ध में भ्रम फैलाना संभव ही नही है।’’

उन्होंने दावा किया कि श्री राम और अयोध्या के सम्बन्ध में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का बयान संभवतः किसी विदेशी ताकत के दबाव में भारत और नेपाल के धर्मनिष्ठ हिन्दू समाज के अटूट सम्बन्धों को तोड़ने का एक असफल प्रयास भर है।

विहिप के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष ने कहा कि उनके (ओली) बयान पर उनके अतिरिक्त शायद कोई भी अन्य व्यक्ति विश्वास नहीं करेगा।







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