अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने पूरे अफानिस्तान में ‘आम माफी’की घोषणा की और महिलाओं से उसकी सरकार में शामिल होने को कहा है। एक दिन पहले तालिबान के शासन से बचने के लिए भागने की कोशिश कर रहे लोगों की वजह से काबुल हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समनगनी ने कहा है कि इस्लामी अमीरात (अफगानिस्तान) नहीं चाहता कि महिलाएं पीड़ित हों, ऐसे में उन्हें शरिया कानून के तहत सरकारी व्यवस्था में शामिल हो जाना चाहिए।
दूसरी ओर, ऐसी भी खबरें आई हैं कि तालिबान के वरिष्ठ नेता आमिर खान मुत्ताकी को राजनीतिक नेतृत्व के साथ बातचीत करने के लिए अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मौजूद है।
अफगानिस्तान से सैनिकों को जल्दबाजी में वापस बुलाने के तौर तरीकों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के फैसले का बचाव किया और इस स्थिति के लिये अफगान नेतृत्व को बिना किसी संघर्ष के तालिबान को सत्ता सौंपने के लिए जिम्मेदार ठहराया ।
देश को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं अपने फैसले के साथ पूरी तरह हूं। मैंने 20 वर्षों के बाद यह सीखा कि अमेरिकी सेना को वापस बुलाने का कभी अच्छा समय नहीं आया, इसलिए हम अभी तक वहां थे।’’
बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान के नेताओं ने हार मान ली और देश छोड़कर भाग गए। अफगान सेना पस्त हो गयी और वो भी लड़ने की कोशिश किए बिना।
उन्होने कहा कि पिछले हफ्ते के घटनाक्रमों ने यह साबित कर दिया कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की भागीदारी को खत्म करना सही फैसला है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अब जो घटनाएं देख रहे हैं, वे दुखद रूप से यह साबित करती हैं कि कोई भी सेना स्थिर, एकजुट और सुरक्षित अफगानिस्तान नहीं बना सकती। जैसा कि इतिहास रहा है, यह साम्राज्यों का कब्रिस्तान है।
बाइडेन ने कहा, ‘‘ हमनें उन्हें अपना भविष्य तय करने का हर मौका दिया। हम उन्हें उस भविष्य के लिए लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं दे सकते।’’
चीन ने अमेरिका से अपने मनमुटाव को कम करने और काबुल में तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान में स्थिरता के लिए सहयोग के वास्ते शिनझियांग के उइगर अलगाववादी समूह ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) पर फिर से प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ फोन पर बातचीत की।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां खराब होते सुरक्षा हालात के मद्देनजर भारत अफगानिस्तान में अपने राजदूत और भारतीय दूतावास के अपने कर्मियों को एक सैन्य विमान से मंगलवार को स्वदेश लेकर आया।
वायुसेना का सी-17 विमान पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 15 मिनट पर गुजरात के जामनगर स्थित भारतीय वायुसेना अड्डे पर उतरा।
ताइवान को लेकर क्या अमेरिका और चीन युद्ध की तरफ आगे बढ़ रहे हैं ?
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