कोरोना वायरस (Coronavirus)के संक्रमण को रोकने के लिए वैसे तो कई देश वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, इस बीच ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि कोविड-19 का टीका विकसित करने में उन्हें सफलता मिल सकती है ।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोरोना वायरस टीका सुरक्षित है और शरीर के भीतर एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्पन्न करता है। इसके शोध में लगे वैज्ञानिकों ने मानव परीक्षण के पहले चरण के बाद सोमवार को यह घोषणा की।
घातक कोरोना वायरस अब तक दुनियाभर में 1.45 करोड़ से अधिक लोगों को संक्रमित कर चुका है और छह लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है।
क्लिनीकल ट्रायल या नैदानिक परीक्षण के पहले चरण के तहत अप्रैल और मई में ब्रिटेन के पांच अस्पतालों में 18 से 55 वर्ष की आयु के 1,077 स्वस्थ वयस्कों को टीके की खुराक दी गई थी और उनके परिणाम चिकित्सा पत्रिका ‘लांसेट’ में प्रकाशित किए गए हैं।
परिणाम बताते हैं कि जिनको टीके लगाए गए, उनमें 56 दिनों तक मजबूत एंटीबॉडी और टी-सेल प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं उत्पन्न हुईं। सालों तक वायरस से सुरक्षित रखने के लिए टी-सेल महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्षों को आशाजनक माना जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह पता लगाना बहुत जल्दीबाजी होगी कि क्या यह सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह से सक्षम है क्योंकि बड़े स्तर पर अब भी परीक्षण चल रहे हैं।
ब्रिटेन के व्यापार मंत्री आलोक शर्मा ने कहा, ‘‘आज के परिणाम बेहद उत्साहजनक हैं, यह हमें ब्रिटेन और दुनिया भर में करोड़ों लोगों की सुरक्षा के लिए एक सफल टीका खोजने के लिए एक कदम और करीब ले जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, वैक्सीन के विकास और निर्माण के लिए 8.4 करोड़ पाउंड के सरकारी निवेश से मदद मिली है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जिस फुर्ती और गति के साथ काम कर रहा है, वह शानदार है। उन्होंने अब तक जो भी हासिल किया है, मुझे उस पर बहुत गर्व है।’’ ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ब्रिटेन की वैश्विक बायोफार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोविड-19 वैक्सीन के विकास, बड़े पैमाने पर निर्माण और टीके के संभावित वितरण के लिए काम कर रहा है।
परीक्षण के पहले चरण के परिणाम सोमवार को घोषित किए गए हैं, जबकि दूसरे चरण का परीक्षण ब्रिटेन में चल रहा है और ब्राजील में तीसरे चरण का परीक्षण भी हो रहा है।
Start the Discussion Now...