कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ाई में अगले सप्ताह से भारत में रूस की बनी स्पूतनिक वी वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है।
नीति आयोग की स्वास्थ्य समिति के सदस्य वीके पॉल ने बताया कि स्पूतनिक वैक्सीन भारत पहुंच चुकी है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है और उम्मीद है कि अगले सप्ताह से यह मार्केट में उलब्ध होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि रूस से जो सीमित सप्लाई आई है, वह अगले सप्ताह से बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। पॉल ने कहा कि इस वैक्सीन की और भी खेप आएगी।’’
पॉल ने कहा कि भारत में जुलाई से स्पूतनिक वैक्सीन का उत्पादन भी शुरू होने वाला है।
स्पूतनिक मूलत: रूसी भाषा का शब्द है. मतलब है – रास्ते का साथी. हमसफ़र.
साल 1957 में ये शब्द रूस के अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़ा. रूस ने इस साल दुनिया का पहला उपग्रह तैयार किया था. नाम रखा गया स्पूतनिक-1. उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजना था. ये वो समय था, जब अमेरिका ख़ुद का उपग्रह नहीं भेज पा रहा था
भारत में स्पूतनिक वैक्सीन के 15.6 करोड़ डोज तैयार किए जाएंगे। फिलहाल देश में अब तक करीब 18 करोड़ कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि अगस्त से दिसंबर तक की वैक्सीन की उपलब्धता देखें तो कुल 216 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध होने की उम्मीद है।
इसमें 55 करोड़ डोज कोवैक्सीन, 75 करोड़ कोविशील्ड, 30 करोड़ बायो ई सब यूनिट वैक्सीन, 5 करोड़ जायडस कैंडिला डीएनए, 20 करोड़ नोवावैक्सीन, 10 करोड़ भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन, 6 करोड़ जिनोवा और 15 करोड़ डोज स्पुतनिक की उपलब्ध होगी।
इसके अलावा दूसरी विदेशी वैक्सीन भी आ सकती है।
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