34.5c India
Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

नहीं रही कोरियोग्राफर सरोज खान तीन बार मिला था नेशनल एवार्ड

नहीं रही कोरियोग्राफर सरोज खान तीन बार मिला था नेशनल एवार्ड

मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 71 वर्ष की थीं। तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी खान पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं।  बॉलीवुड की तमाम हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया।

कोरियॉग्रफर सरोज खान का निधन बॉलिवुड इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका है। इरफान खान, ऋषि कपूर, वाजिद खान और सुशांत सिंह राजपूत के बाद सरोज खान के जाने से उनके फैंस सदमे में हैं।

सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें पिछले शनिवार को बांद्रा के गुरु नानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उनकी कोविड-19 की जांच भी की गई, जिसकी रिपोर्ट में उनके संक्रमित ना होने की पुष्टि हुई।

उनके रिश्तेदार मनीष जगवानी ने कहा, ‘‘ देर रात करीब ढाई बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका अस्पताल में निधन हो गया।’’

उपनगरीय मलाड में एक कब्रिस्तान में शुक्रवार सुबह ही उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया।

उनकी बेटी सुकैना खान कहा, ‘‘सुबह करीब सात बजे उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया। तीन दिन बाद एक प्रार्थना सभा रखी जाएगी।’’

 बॉलीवुड हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया।

अभिनेता अक्षय कुमार ने लिखा, ‘‘ सुबह-सुबह मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान जी के निधन की दुखद खबर मिली। उन्होंने नृत्य को इतना आसान रूप दिया, जैसे हर कोई नृत्य कर सकता है। फिल्म जगत के लिए एक बड़ी क्षति। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’

बालीवुड की अदाकारा माधुरी दीक्षित ने कहा कि सरोज खान के जाने से उन्होंने एक मित्र और गुरू को खो दिया । नृत्य में अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद के लिए वह खान की हमेशा आभारी रहेंगी । 

फिल्म ‘फना’ में खान के साथ काम करने वाले निर्देशक कुणाल कोहली ने उन्हें याद करते हुए कहा, ‘‘ उन्होंने हमेशा लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। कभी इस बात की परवाह नहीं की कि कौन बड़ा सितारा है और कौन नहीं। हमेशा सभी के लिए बिरयानी लाती थीं और सभी को प्यार से खिलाती थीं। उन सभी यादों के लिए मास्टर जी शुक्रिया। ’’

खान ने अपने चार दशक के करियर में उन्होंने 2000 से अधिक गीतों की कोरियोग्राफी की।

खान ने 80 से 90 के दशक में अपना सर्वश्रेष्ठ काम अदाकारा श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित के साथ किया। खान का परिवार बंटवारे के बाद भारत आ गया था। उन्होंने बतौर बाल कलाकार अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी लेकिन बाद में वह ‘बैकग्राउंड डांसर’ के तौर पर काम करने लगीं।

सरोज खान का नाम पहले निर्मला था लेकिन इस्लाम धर्म अपनाने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया। कोरियोग्राफर बी. सोहनलाल से नृत्य सीखते हुए 13 साल की उम्र में ही खान ने उनसे शादी कर ली। उस समय सोहनलाल की उम्र 41 वर्ष थी और उनकी यह दूसरी शादी थी।

खान ने 1974 में फिल्म ‘गीता मेरा नाम’ से अपने कोरियोग्राफी करियर की शुरुआत की लेकिन उन्हें पहचान 1987 में श्रीदेवी के गीत ‘हवा हवाई’ से मिली। इसके बाद खाने ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक हिट गाने देती गईं।

अदाकारा श्रीदेवी के लिए फिल्म ‘नगिना’ और ‘चांदनी’ के गीतों के लिए की गई उनकी कोरियोग्राफी ने काफी सराहना हासिल की। लेकिन उन्हें सबसे अधिक लोकप्रियता अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के लिए कोरियोग्राफ किए गीतों से मिली।

माधुरी के लिए उन्होंने ‘एक दो तीन’, ‘तम्मा तम्मा लोगे’, ‘धक धक करने लगा’, ‘डोला रे डोला’ जैसे कई हिट गीतों की कोरियोग्राफी की।

सरोज खान भारत की एकमात्र कोरियॉग्रफर हैं जिन्हें सर्वश्रेष्ठ कोरियॉग्रफी के लिए तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। सरोज खान को फिल्म 'देवदास' के गाने 'डोला रे डोला', फिल्म 'जब वी मेट' के गाने 'ये इश्क हाय' और साउथ की फिल्म 'श्रृंगारम' में साउथ इंडियन ट्रेडिशनल डांस फॉर्म कोरियॉग्राफ करने के लिए नैशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

खान ने आखिरी बार 2019 में आई फिल्म ‘कलंक’ में माधुरी दीक्षित के लिए ही गीत ‘तबाह हो गए’ की कोरियोग्राफी की थी।







Start the Discussion Now...



LIVE अपडेट: देश-दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज़