अजीत डोभाल नाम तो सुना ही होगा। भारत में इनकी पहचान जेम्स बॉन्ड के रूप में भी की जाती है। डोभाल को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है। सीमा पर भारत के आक्रामण रूख के पीछे इनका ही दिमाग चलता हैं।
उन्हें देश गिनेचुने शक्तिशाली व्यक्तियों में शुमार किया जाता है। पाकिस्तान उनके नाम से खौफ खाता है। ऐसी शख्सीयत के कारण ही उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA)बनाया गया।
रॉ एजेंट से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने तक का उनका सफर सनसनीखेज था। सर्जिकल स्ट्राइक के मास्टर माइंड वही थे। उन्होंने 7 साल तक पाकिस्तान में मुसलमान बनकर बिताए। लेकिन, किसी को इसकी भनक भी नहीं लगने दी।
उत्तराखंड के साधारण परिवार में जन्मे अजीत की बहादुरी असाधारण रही है। जासूसी के उनके किस्सों की लंबी फेहरिस्त है। आज उन्हीं अजीत डोवाल का जन्मदिन है और वे 78 वर्ष के हो गए।
पंजाब में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन ब्लूस्टार को अपने अंजाम तक पहुंचाया जा सका तो उसके पीछे डोभाल की बड़ी भूमिका थी। वह खालिस्तानी आतंकियों के बीच पाकिस्तानी जासूस बनकर रह रहे थे। स्वर्ण मंदिर में रह रहे खालिस्तानियों से उन्होंने अहम जानकारी जुटा ली थीं। कहा जाता है कि इस दौरान कई महीने तक वह रिक्शावाला बनकर रहे।
अजीत डोभाल हुलिया बदलने के माहिर माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि वह 7 साल तक पाकिस्तान में मुसलमान बनकर रहे। हालांकि, इस बात की भनक भी उन्होंने किसी को नहीं लगने दी। इस दौरान वह भारत के लिए जासूसी कर रहे थे। वह एक अंडर कवर एजेंट के तौर पर पाकिस्तान में रह रहे थे।
साल 1999 में जब आतंकवादियों ने इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी-814 को काठमांडू से हाईजैक कर लिया गया था, तब अजीत डोभाल को भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार बनाया गया। बाद में इस फ्लाइट को आतंकी कंधार ले गए थे।
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