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Sunday May 12, 2024
Aryavart Times

सीतारमण ने बजट को आत्मनिर्भर भारत का आधार तैयार करने वाला बताया, राहुल पर साधा निशाना

सीतारमण ने बजट को आत्मनिर्भर भारत का आधार तैयार करने वाला बताया, राहुल पर साधा निशाना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट को देश को ‘‘आत्मनिर्भर’’ बनाने का आधार तैयार करने वाला करार देते हुए कहा कि यह अर्थव्यवस्था के टिकाऊ उच्च वृद्धि को बनाये रखने के लिये जरूरी प्रोत्साहन देने वाला है।  

सरकार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए सीतारमण ने दस सवाल सवाल पूछे । उन्होंने आरोप लगाया सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने संस्थाओं को बनाया और फिर उनका अपने ‘हम दो, हमारे दो’ के लिए दुरुपयोग किया।

वित्त मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी भारत के लिये ‘विनाशक व्यक्ति’ बन गए हैं जो फर्जी विमर्श गढ़ते हैं, देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े होते हैं और संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करते हैं। 

सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2021-22 के बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि सुधार के कदमों को उठाने का मकसद भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाना है।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती के मद्देनजर कई विशेषज्ञों से चर्चा के बाद यह बजट लाया गया है और इस बजट ने भारत के आत्मनिर्भर बनने का आधार तैयार करने का काम किया है।

वित्त मंत्री ने कहा   कोरोना वायरस महामारी की चुनौतीपूर्ण स्थिति भी सरकार को देश के दीर्घकालीन विकास के लिए सुधार के कदम उठाने से नहीं डिगा सकी।’’

उन्होंने कहा कि यह अर्थव्यवस्था के टिकाऊ उच्च वृद्धि को बनाये रखने के लिये जरूरी प्रोत्साहन देने वाला है। इन  सुधार के कदमों को उठाने का मकसद भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाना है।

उन्होंने कहा कि गरीब लोग और देश की आम जनता सरकार के ‘‘मित्र’’ है और वह उन्हीं के लिए काम करती है।

कहा कि मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत गरीबों, रेहड़ी-पटरी वाले विक्रेताओं को 10,000 रुपये की आर्थिक मदद एक साल के लिए दी जिसे एक वर्ष बाद लौटाने या चुका नहीं पाने की स्थिति में और समय लेने का प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि देश के 50 लाख रेहड़ी-पटरी वालों ने इस योजना का लाभ उठाया।

सीतारमण ने कांग्रेस का नाम लिये बिना कहा, ‘‘हमारे मित्र (क्रोनीज) दामाद नहीं हैं। ऐसे लोग उस पार्टी की आड़ में छिपे हैं जिसे जनता ने अस्वीकार कर दिया है।’’

उन्होंने कहा कि यह गरीबों, किसानों का बजट है।

उल्लेखनीय है कि बजट चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर दो-तीन उद्योगपतियों मित्रों के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए काम करने का आरोप लगाया था।

उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि इन सभी के तहत आम जनता को, गरीबों को लाभान्वित किया गया है न किसी किसी सांठगांठ वाले पूंजीपति को।

सीतारमण ने नसीहत दी कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठे आरोप लगाने के बजाय विपक्षी दलों को इन सभी योजनाओं का अध्ययन करके आना चाहिए।

बजट पर चर्चा के दौरान विभिन्न विपक्षी सदस्यों के एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) को समर्थन नहीं देने के आरोपों को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने  लॉकडाउन के दौरान भी अपनी घोषणाओं में स्पष्ट किया था कि संकटग्रस्त एमएसएमई क्षेत्र को दो स्तर पर सहयोग दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि एक तो किसी उद्यम को कर्ज आदि के मामले में अदालतों में नहीं खींचा जाएगा और इसके लिए समयसीमा को भी बढ़ाया गया, वहीं आर्थिक मदद भी दी गयी।

सीतारमण ने कहा, ‘‘हमने जो प्रयास किये, उसकी मंशा सभी की मदद की थी।’’

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सभी बैंकों को निर्देश दिये गये कि एमएसएमई से संपर्क साधा जाए और उन्हें बिना किसी गिरवी के आर्थिक मदद मुहैया कराने की पेशकश की जाए।

उन्होंने कहा कि एक भी कंपनी, एक भी एमएसएमई को अनदेखा नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि हम स्वास्थ्य सेवाएं को लेकर समग्र रुख अपना रहे हैं। पेयजल, स्वच्छता को स्वास्थ्य बजट के साथ लाने के बाद भी स्वास्थ्य के बजट में कोई कमी नहीं की गई है।

सीतारमण ने कहा कि इस बजट में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 71,269 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जो पिछले साल के मुकाबले अधिक है। आयुष मंत्रालय के लिए 2,970 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया जो पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी अधिक है।

उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने रक्षा बजट में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह सच है कि बजट भाषण में इसका उल्लेख नहीं हुआ। लेकिन बजट में बढ़ोतरी की गई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि मनरेगा के बजट में कमी के दावे किए गए गए, अक्सर कहा जाता है कि हम मनरेगा के खिलाफ हैं। लेकिन पहले मनरेगा के पैसे ऐसे लोगों के पास जाते थे जो इसके पात्र नहीं थे, अब ऐसा नहीं है। 

उन्होंने कहा कि इस बजट में हमने मनरेगा के लिए 73,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। आगे जरूरत होगी तो और पैसे दिए जाएंगे।

सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपने अभिभाषण में किसानों, पूंजी सृजन करने वाले उद्यमियों (वेल्थ क्रियेटर्स) की बात की। इन उद्यमियों के बिना अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी?

उन्होंने कहा कि बार-बार सवाल खड़ा किया जा रहा है कि इस बजट में कृषि में आवंटन क्यों घटाया गया? उन्होंने कहा कि इस बात को गलत तरह से रखा गया है। 

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘इस सरकार ने 1.15 लाख करोड़ रुपये का लाभ लगभग 10.75 करोड़ किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से हस्तांतरित किया।’’

उन्होंने कहा कि हमारा आकलन है कि पश्चिम बंगाल के 65 लाख किसानों को इस योजना का पैसा नहीं दिया जा सका क्योंकि राज्य सरकार की ओर से इन किसानों की सूची नहीं आई, इसलिए हम बजट आवंटन का पूरा उपयोग नहीं कर सके।

सीतारमण ने कहा कि किसान सम्मान निधि में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने से कुछ नहीं होगा।’’

निचले सदन में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को चर्चा में बोलते समय यह जवाब देना चाहिए था कि कांग्रेस ने कृषि सुधारों को लेकर अपने रुख से क्यों बिलकुल पलट गये? उन्होंने यह भी बताना चाहिए था कि चुनावी वादा करने के बावजूद राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में कर्ज माफ क्यों नहीं किया ।  







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