पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर जीएसटी परिषद में सहमति नहीं बनी
पेट्रोल डीजल की कीमतों में अभी राहत मिलने की संभावना नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने पेट्रोल और डीजल को फिलहाल जीएसटी के दायरे में नहीं लाने का निर्णय किया है।
जीएसटी परिषद की बैठक में पेट्रोल और डीजल के मुद्दे पर चर्चा हुई लेकिन इसे इसके दायरे में लाने के बारे में सहमति नहीं बनी। बहुत सदस्य इसके खिलाफ थे और चर्चा में यह राय बनी कि पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का अभी समय नहीं है।
जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह भी कहा कि डीजल में मिलाये जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक में किये गये फैसलों की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘जीएसटी परिषद का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने का नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने कोविड उपचार में उपयोग होने वाली दवाओं पर लागू रियायती जीएसटी दरों का समय 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दिया है।
परिषद ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर कर दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का भी निर्णय किया है।
इसके अलावा, माल ढुलाई वाहनों के परिचालन के लिये राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले राष्ट्रीय परमिट शुल्क से छूट देने का फैसला किया गया है।
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