वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को आम बजट पेश करेंगी, ऐसे में कोरोना काल के प्रभाव से धीरे धीरे बाहर आते लोग इससे काफी उम्मीदें लगाए हुए हैं । अब 1 फरवरी को बजट का पिटारा खुलने के बाद ही पता चलेगा कि लोगों की बुनियादी जरूरतों, मध्यम वर्ग की पेशानियों, किसानों की मांगों के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए और उद्योग क्षेत्र को गति देते हुए सरकार अर्थव्यवस्था को कैसे पटरी पर लाती है ।
आवास, पानी, स्वच्छता, बिजली और रसोई गैस ने अहम भूमिका निभाई है और यह पूरे परिवार की बुनियादी जरूरतें हैं। 'रोटी, कपड़ा और मकान' से आगे की जरूरतें भी हैं।
सरकार की योजनाएं कई मायनों में सफल भर रही हैं। इसी का नतीजा है कि गरीबों के स्वास्थ्य व शिक्षा में सुधार हुआ है।
हालांकि इनसे जुड़ी योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए आगामी आम बजट में इन पर विशेष बल दिए जाने की जरूरत है ।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को पक्का मकान बनाने के लिए वित्तीय मदद दी जा रही है। हर घर 'नल से जल' पहुंचाने की योजना भी तेजी से आगे बढ़ रही है । अगले वित्त वर्ष में देश के हर घर में नल से पानी की आपूर्ति होने की उम्मीद है ।
उम्मीद की जा रही है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) फंड का उपयोग बढ़ाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए भी मनरेगा जैसी योजनाओं को मजबूत करने पर जोर रहेगा।
मध्यम वर्ग को आयकर में राहत दिये जाने की उम्मीद है। वहीं युवा वर्ग रोजगार को लेकर अवसरों में वृद्धि किये जाने की उम्मीद लगाये हुए है ।
कारोना काल में सेवा क्षेत्र पर काफीअसर पड़ा है, ऐसे में इस क्षेत्र को भी बजट से काफी उम्मीदें हैं । विनिर्माण क्षेत्र भी विशेष प्रोत्साहन की उम्मीद लगाए हुए हैं ।
कारोना के समय में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर अच्छी रही है, ऐसे में कृषि क्षेत्र को विशेष अनुदान एवं सहायता दिये जाने की बजट में उम्मीद की जा रही है ।
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