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Monday May 13, 2024
Aryavart Times

वित्त मंत्रालय ने स्थानीय निकायों के लिए 4,608 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया गया

वित्त मंत्रालय ने स्थानीय निकायों के लिए 4,608 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया गया

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने बुधवार को स्थानीय निकायों को अनुदान-सहायता प्रदान करने के लिए राज्यों को 4,608 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की। यह अनुदान ग्रामीण स्थानीय निकाय (आरएलबी) और शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) दोनों के लिए हैं। इसमें से आरएलबी को 2,660 करोड़ रुपए और यूएलबी को 1,948 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। इस अनुदान को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार जारी किया गया है।

वित्त वर्ष 2020-21 में, वित्त मंत्रालय ने स्थानीय निकाय अनुदान के रूप में 28 राज्यों को कुल 87,460 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इसमें से आरएलबी के लिए 60,750 करोड़ रुपये और यूएलबी के लिए 26,710 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार,आरएलबी अनुदान को पंचायत के सभी स्तरों- गांव, ब्लॉक और जिले के साथ-साथ राज्यों में 5वीं और 6वीं अनुसूची के क्षेत्रों के लिए जारी किया जाता हैं। आरएलबी अनुदान आंशिक रूप से बेसिक/संयुक्त और आंशिक रूप में होता हैं। मूल अनुदानों का उपयोग आरएलबी के द्वारा स्थान-विशेष की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। 

दूसरी ओर, निर्धारित अनुदान का उपयोग केवल की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है (ए) खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) की स्वच्छती और रखरखाव की स्थिति और (बी) पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण के रखरखाव के लिए। वर्ष 2020-21 में, मंत्रालय द्वारा बुनियादी आरएलबी अनुदान के तौर पर 32,742.50 करोड़ रुपये और निर्धारित आरएलबी अनुदान के तौर पर 28,007.50 करोड़ जारी किए गए हैं।

यूएलबी अनुदान को दो श्रेणियों (ए) मिलियन प्लस शहरों के लिए और (बी) गैर-मिलियन प्लस शहरों के लिए प्रदान किया गया है। 2020-21 में मंत्रालय से मिलियन प्लस शहरों को 8,357 करोड़ रूपए का अनुदान और नॉन-मिलियन प्लस शहरों को 18,354 करोड़ रूपए का अनुदान प्रदान किया गया है ।

मिलियन-प्लस शहरों के मामले में, बुधवार को 1,824 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। मिलियन प्लस शहरों के लिए दिया गया समस्त अनुदान विशिष्ठ स्थितियों के अनुसार निर्धारित है। इन अनुदानों को प्राप्त करने के लिए, मिलियन प्लस शहरों को पीएम 10 और पीएम 2.5 की वार्षिक औसत सांद्रता के आधार पर परिवेशी वायु गुणवत्ता पर शहर-वार और क्षेत्रवार लक्ष्य विकसित करने की आवश्यकता होती है। 

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय इन सुधारों की निगरानी और मूल्यांकन करेगा और ऐसे शहरों को अनुदानों के वितरण की सिफारिश करेगा। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क की स्थापना, स्रोत मूल्यांकन अध्ययन और इन शहरों के वायु-गुणवत्ता के आंकड़ों को अद्यतन करने के कार्य भी करेगा।







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