34.5c India
Monday May 13, 2024
Aryavart Times

मंत्रिमंडल ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी

मंत्रिमंडल ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने “खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना(पीएलआईएसएफपीआई)” योजना को मंजूरी प्रदान कर दी । 

इस योजना में 10,900 करोड़ रुपए का प्रावधान है और इसका उद्देश्य देश को वैश्विक स्तर पर खाद्य विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर लाना है तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय खाद्य उत्पादों के ब्रांडों को बढ़ावा देना है।

सरकारी बयान के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य खाद्य विनिर्माण से जुड़ी इकाइयों को निर्धारित न्यूनतम बिक्री और प्रसंस्करण क्षमता में बढ़ोतरी के लिए न्यूनतम निर्धारित निवेश के लिए समर्थन करना है तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय उत्पादों के लिए एक बेहतर बाजार बनाना और उनकी ब्रांडिंग शामिल है।

वैश्विक स्तर पर खाद्य क्षेत्र से जुड़ी भारतीय इकाइयों को अग्रणी बनाना।

वैश्विक स्तर पर चुनिंदा भारतीय खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनकी व्यापक स्वीकार्यता बनाना।

कृषि क्षेत्र से इतर रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना।

कृषि उपज के लिए उपयुक्त लाभकारी मूल्य और किसानों के लिए उच्च आय सुनिश्चित करना।

इसके पहले घटक में चार बड़े खाद्य उत्पादों के विनिर्माण को प्रोत्साहन देना है जिनमें पकाने के लिए तैयार/ खाने के लिए तैयार (रेडी टू कुक/ रेडी टू ईट) भोजन, प्रसंस्कृत फल एवं सब्जियां, समुद्री उत्पाद और मोजरेला चीज़ शामिल है।

लघु एवं मध्यम उद्योगों के नवोन्मेषी/ऑर्गेनिक उत्पादन जिनमें अंडे, पोल्ट्री मांस, अंडे उत्पाद भी ऊपरी घटक में शामिल हैं।

चयनित उद्यमियों (एप्लिकेंट्स) को पहले दो वर्षों 2021-21 और 2022-23 में उनके आवेदन पत्र (न्यूनतम निर्धारित) में वर्णित संयंत्र एवं मशीनरी में निवेश करना होगा।

निर्धारित निवेश पूरा करने के लिए 2020-21 में किए गए निवेश की भी गणना की जाएगी।

नवाचारी/जैविक उत्पाद बनाने वाली चयनित कंपनियों के मामले में निर्धारित न्यूनतम बिक्री तथा निवेश की शर्तें लागू नहीं होंगी।

दूसरा घटक ब्रांडिंग तथा विदेशों में मार्केंटिंग से संबंधित है ताकि मजबूत भारतीय ब्रांडों को उभरने के लिए प्रोत्साहन दिया जा सके।

भारतीय ब्रांड को विदेश में प्रोत्साहित करने के लिए योजना में आवेदक कंपनियों को अनुदान की व्यवस्था है। यह व्यवस्था स्टोर ब्रांडिंग, शेल्फ स्पेस रेंटिंग तथा मार्केटिंग के लिए है।

योजना 2021-22 से 2026-27 तक छह वर्षों की अवधि के लिए लागू की जाएगी।

योजना के लागू होने से प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी ताकि 33,494 करोड़ रुपए का प्रसंस्कृत खाद्य तैयार हो सके।

वर्ष 2026-27 तक लगभग 2.5 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन होगा।

योजना की निगरानी, केंद्र में मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता वाले सचिवों के अधिकार संपन्न समूह द्वारा की जाएगी।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय योजना के अंतर्गत कवरेज के लिए आवेदकों के चयन को स्वीकृति देगा, प्रोत्साहन रूप में धन स्वीकृत और जारी करेगा।







Start the Discussion Now...



LIVE अपडेट: देश-दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज़