वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट में डीजल- पेट्रोल, शराब सहित कई वस्तुओं पर कृषि सेस लगाने का फैसला किया है। पेट्रोल पर ढाई रुपये प्रति लीटर और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर कृषि सेस लगाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, इस सेस का उपभोक्ताओं को अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।
उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ने का कारण यह है कि कृषि सेस को बढ़ाने के साथ ही बेसिक एक्साइज ड्यूटी और एडिशनल एक्साइज ड्यूटी के रेट को कम कर दिया गया है।
इम्पोर्टेड शराब पर सरकार ने 100 फीसद सेस लगा दिया है। इसे लगने के बाद शराब की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी होगी। शराब पर सौ फीसद सेस बढ़ने के बाद शराब की कीमतों में इजाफा होना तय है।
कृषि क्षेत्र से जुड़े ढांचागत विकास के नाम पर केंद्र सरकार ने एक दर्जन आयातित उत्पादों के अलावा पेट्रोल, डीजल पर भी सेस (अधिभार) लगाने के जो उपाय किये हैं ।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से राजनीति शुरू हो सकती है क्योंकि इस कदम का असर राज्यों को केंद्र की तरफ से जो राजस्व हिस्सेदारी दी जाती है उसमें होगी।
दूसरी ओर, बजट प्रस्ताव पेश करते हुए सीतारमण ने कुछ आयातित उत्पादों पर अतिरिक्त टैक्स लगाने का फैसला किया गया है उनमें सोना, चांदी, अल्कोहलिक बेवरेजेज (शराब), क्रूड पाम ऑयल, क्रूड सोयाबीन व सनफ्लावर ऑयल, सेब, कोयला, लिग्नाइट, यूरिया व दूसरे उर्वरक, मटर, काबुली चना, काला चना, मसूर दाल और सोना है।
कच्चे माल की आवकों से मनुष्य-निर्मित टैक्सटाइल पर युक्तिसंगत शुल्क की आवश्यकता पर जोर देते हुए, वित्त मंत्री ने नायलॉन श्रृंखला को पॉलीस्टर और मानव-निर्मित अन्य रेशों के बराबर लाने के साथ-साथ कैप्रोलैक्टम. नायलॉन चिप्स और नायलॉन फाइबर तथा धागे पर बीसीडी दरों को एकसमान रूप से घटाकर 5 प्रतिशत करने की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा कि घरेलु क्षमता को बढ़ाने के लिए सोलर सैल और सोलर पैनलों के लिए चरणबद्ध तरीके से विनिर्माण योजना को अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए, सोलर इनवर्टनरों पर शुल्क को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने और सोलर लालटेन पर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया।
उन्होंने टनल बोरिंग मशीन और कुछ ऑटो पार्टस सहित कुछ सामानों पर शीघ्रता से शुल्क दरों में संशोधन की घोषणा की।
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