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Saturday April 27, 2024
Aryavart Times

भारतीय मुक्केबाज लवलीना को कांस्य पदक, नीरज भाला फेंक में सेमीफाइनल में

भारतीय मुक्केबाज लवलीना को कांस्य पदक, नीरज भाला फेंक में सेमीफाइनल में

भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को महिला वेल्टरवेट वर्ग (69 किग्रा) के सेमीफाइनल में तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ पराजय के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। इसके साथ ही तोक्यो ओलंपिक में भारतीय मुक्केबाजों का अभियान एक कांस्य पदक के साथ खत्म हुआ।
ओलंपिक में पदार्पण कर रही विश्व चैंपियनशिप की दो बार की कांस्य पदक विजेता लवलीना के खिलाफ बुसेनाज ने शुरुआत से ही दबदबा बनाया और सर्वसम्मति से 5-0 से जीत दर्ज करने में सफल रही।
तोक्यो खेलों में यह भारत का तीसरा पदक है। इससे पहले भारोत्तोलन में मीराबाई चानू ने रजत जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधू ने कांस्य पदक जीता। लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है।
भारतीय पहलवान रवि दाहिया और दीपक पूनिया ने अपने ओलंपिक अभियान की मजबूत शुरुआत करते हुए ओलंपिक की कुश्ती स्पर्धा के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया ।
दहिया का दबदबा इतना था कि उन्होंने 57 किलोवर्ग में दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते । सेमीफाइनल में उनका सामना कजाखस्तान के नूरइस्लाम सानायेव से होगा ।
दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13 . 2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14 . 4 से हराया ।
वहीं पूनिया ने पुरूषों के 86 किग्रा वर्ग में आसान ड्रॉ का पूरा फायदा उठाते हुए पहले दौर में नाइजीरिया के एकेरेकेमे एगियोमोर को मात दी जो अफ्रीकी चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता हैं । क्वार्टर फाइनल में उन्होंने चीन के जुशेन लिन को 6 . 3 से हराया ।
वहीं 19 वर्ष की अंशु मलिक महिलाओं के 57 किलोवर्ग के पहले मुकाबले में यूरोपीय चैम्पियन बेलारूस की इरिना कुराचिकिना से 2 . 8 से हार गई।
भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक की भाला फेंक प्रतियोगिता के क्वालीफाइंग में शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई लेकिन उनके हमवतन शिवपाल सिंह लचर प्रदर्शन करते हुए पदक की दौड़ से बाहर हो गए।

ओलंपिक में पदार्पण कर रहे चोपड़ा ने अपने पहले ही प्रयास में भाले को 86.65 मीटर की दूरी तक फेंककर 83.50 मीटर का स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया और भारत के लिए पदक की उम्मीद जगाई।
एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता चोपड़ा ने पहले ही प्रयास में फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के बाद अपने बाकी दो प्रयास नहीं करने का फैसला किया। क्वालीफिकेशन में तीन प्रयास का मौका मिलता है जिसमें से सर्वश्रेष्ठ प्रयास को गिना जाता है। 







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