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Friday May 10, 2024
Aryavart Times

कर्नाटक विधानसभा ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक को मंजूरी दी, विपक्ष ने किया विरोध

कर्नाटक विधानसभा ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक को मंजूरी दी, विपक्ष ने किया विरोध

 कर्नाटक (karnataka) विधानसभा ने विपक्षी दलों के भारी शोर शराबे  के बीच विवादास्पद धर्मांतरण विरोधी विधेयक (anti conversion bill) को मंजूरी प्रदान कर दी। कांग्रेस ने विधेयक का भारी विरोध किया । विपक्षी दल ने कहा कि यह विधेयक जनविरोधी, अमानवीय, संविधान एवं गरीब विरोधी है। 

कांग्रेस ने जोर दिया कि इसे पारित नहीं किया जाना चाहिए और सरकार को इसे वापस ले लेना चाहिए।

जनता दल (एस) ने भी विधेयक का विरोध किया। यह विधेयक मंगलवार को विधानसभा में पेश किया गया था। 
सदन ने भारी शोर शराबे के बीच विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया। कांग्रेस के सदस्य आसन के निकट आकर विधेयक का विरोध कर रहे थे।

सदन में‘‘कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक, 2021’’ पर हुयी चर्चा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि इस विधेयक के लिए सिद्धारमैया नीत पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। अपने दावे के समर्थन में भाजपा ने कुछ दस्तावेज सदन के पटल पर रखे। इसके बाद कांग्रेस रक्षात्मक मुद्रा में दिखी। 
प्रतिपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने सत्तापक्ष के दावे का खंडन किया। हालांकि बाद में विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय में रिकार्ड देखने के बाद उन्होंने स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने सिर्फ मसौदा विधेयक को कैबिनेट के सामने रखने के लिए कहा था लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया गया था।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार इसे उनकी सरकार की मंशा के रूप में नहीं देखा जा सकता है।

सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि इस विधेयक के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का हाथ है। इस पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, "आरएसएस धर्मांतरण के खिलाफ है, यह कोई छिपी बात नहीं है, यह जगजाहिर है।’’

सिद्धारमैया द्वारा इस बिल के पीछे आरएसएस का हाथ होने का आरोप लगाने के साथ, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, "आरएसएस धर्मांतरण विरोध के लिए प्रतिबद्ध है, यह कोई गुप्त रहस्य नहीं है, यह एक खुला रहस्य है। 2016 में कांग्रेस सरकार ने आरएसएस की नीति का अनुकरण करने के लिए अपने कार्यकाल के दौरान विधेयक की पहल क्यों की? ऐसा इसलिए है क्योंकि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इसी प्रकार का कानून लाए थे। आप इस विधेयक के एक पक्ष हैं।"

बोम्मई ने कहा कि विधेयक संवैधानिक और कानूनी दोनों है और इसका मकसद धर्मांतरण की समस्या से छुटकारा पाना है। "यह एक स्वस्थ समाज के लिए है । कांग्रेस इसका विरोध करके वोट बैंक की राजनीति कर रही है, उनका दोहरा मापदंड अब स्पष्ट है।"







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