34.5c India
Thursday May 09, 2024
Aryavart Times

मणिपुर की घटना शर्मनाक है, लेकिन उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक : अमित शाह

मणिपुर की घटना शर्मनाक है, लेकिन उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को विपक्षी दलों पर मणिपुर में हिंसा पर शर्मनाक राजनीति करने का आरोप लगाया। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान अमित शाह ने कहा, ''मणिपुर में जो हुआ वह शर्मनाक है, लेकिन उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है।''

उन्होंने कहा, ''मैं मानता हूं कि मणिपुर में हिंसा की घटनाएं हुई हैं। मैं इन घटनाओं से दुखी हूं।''

शाह ने कहा कि सरकार की मंशा वहां जनसांख्यिकी में बदलाव करने की कतई नहीं है, ऐसे में सभी पक्षों को मिलकर उस राज्य में शांति बहाली की अपील करनी चाहिए।

सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में  चर्चा में हिस्सा लेते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर से जुड़े घटनाक्रम और सरकार द्वारा वहां शांति स्थापित करने की दिशा में उठाये गए कदमों की जानकारी दी। गृह मंत्री ने मणिपुर में सभी पक्षों से हिंसा छोड़ने की अपील की और कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है.

शाह ने कहा, ” वे विपक्ष की इस बात से सहमत हैं कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ, हिंसक घटनाएं हुईं. वहां जो कुछ भी हुआ, वह शर्मनाक है। उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है।” 

उन्होंने कहा कि वहां जो दंगे हुए वे परिस्थितिजन्य थे और इस पर राजनीति करना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि जनता को पता चलना चाहिए कि मणिपुर में अतीत में भी किस तरह से नस्लीय हिंसा होती रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा वहां जनसांख्यिकी को बदलने की कतई नहीं है, इस विषय पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इन घटनाओं में किसी की जान गई है, तो किसी का सम्मान गया है. गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ कोई कितना भी दूर क्यों न हो, वह है तो भारत का नागरिक ही। इधर के और उधर के सभी लोगों को वहां शांति की अपील में साथ आना चाहिए।”

उन्होंने कहा,‘‘ यह भ्रांति देश की जनता के सामने फैलाई गई है कि सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सत्र आहूत होने से पहले मैंने पत्र लिखकर मणिपुर पर चर्चा के लिए कहा था।”

मणिपुर में अनुच्छेद 356 लगाने की विपक्ष की मांग पर शाह ने कहा कि मणिपुर की राज्य सरकार सहयोग कर रही है, इसलिए ऐसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 356 तब लागू किया जाता है जब राज्य सरकार सहयोग नहीं करती. शाह ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा कि इसलिए मणिपुर के मुख्यमंत्री को भी बदलने की जरूरत नहीं थी।

उन्होंने कहा कि सरकार मणिपुर में कुकी और मेइती दोनों समुदायों से बातचीत कर रही है. शाह ने कहा, ”मेरा मणिपुर की जनता से करबद्ध निवेदन है कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है। वार्ता कीजिए।”







Start the Discussion Now...



LIVE अपडेट: देश-दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज़