पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला में 8 लोगों को जिंदा जलाकर मारे जाने की घटना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जघन्य पाप’ करार देते हुए कहा कि ऐसी वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने में राज्य सरकार जो भी मदद चाहेगी, वह भारत सरकार मुहैया करायेगी ।
प्रधानमंत्री मोदी ने विक्टोरिया मेमोरियल हॉल, कोलकाता में ‘बिप्लोबी भारत गैलरी’ के उद्घाटन के अवसर पर कहा, ‘‘ मैं पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसक वारदात पर दुःख व्यक्त करता हूं, अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आशा करता हूं कि राज्य सरकार, बंगाल की महान धरती पर ऐसा जघन्य पाप करने वालों को जरूर सजा दिलवाएगी। मैं बंगाल के लोगों से भी आग्रह करूंगा कि ऐसी वारदात को अंजाम देने वालों, ऐसे अपराधियों का हौसला बढ़ाने वालों को कभी माफ न करें।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से वह राज्य को इस बात के लिए भी आश्वस्त करते हैं कि अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने में जो भी मदद वो चाहेगी, भारत सरकार मुहैया कराएगी।
गौरतलब है कि बीरभूम के रामपुरहाट एक ब्लॉक स्थित एक गांव में तृणमूल कांग्रेस से संबद्ध पंचायत स्तर के एक नेता भादू शेख की हत्या के बाद कई घरों को आग लगा दिया गया। इसमें कम से कम 8 लोग जिंदा जल गये। राज्य सरकार ने कहा है कि इस मामने की विशेष जांच के आदेश दिये गए हैं और अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बहरहाल, प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे अतीत की विरासतें हमारे वर्तमान को दिशा देती हैं, हमें बेहतर भविष्य गढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा कि आज देश अपने इतिहास को, अपने अतीत को, ऊर्जा के जागृत स्रोत के रूप में अनुभव करता है।
मोदी ने कहा कि आपको वो समय भी याद होगा जब हमारे यहाँ आए दिन प्राचीन मंदिरों की मूर्तियाँ चोरी होने की खबरें आती थीं, हमारी कलाकृतियाँ बेधड़क विदेशों में smuggle होती थीं, जैसे उनकी कोई अहमियत ही नहीं थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत की उन धरोहरों को वापस लाया जा रहा है और दो दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने दर्जनों ऐसी मूर्तियां, पैंटिंग्स और दूसरी कलाकृतियां भारत को सौंपी हैं जिनमें से अनेक पश्चिम बंगाल से संबंधित हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत को, अमेरिका ने भी लगभग डेढ़ सौ कलाकृतियां लौटाई थीं। जब देश का सामर्थ्य बढ़ता है, जब दो देशों के बीच अपनत्व बढ़ता है, तो इस तरह अनेकों उदाहरण सामने आते हैं।
मोदी ने कहा कि आप इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि 2014 से पहले के कई दशकों में सिर्फ दर्जनभर प्रतिमाओं को ही भारत लाया जा सका था। लेकिन बीते 7 सालों में ये संख्या सवा 2 सौ से भी अधिक हो चुकी है।
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