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Thursday May 09, 2024
Aryavart Times

दर्जी के दो बेटो और व्यापारी की एक बेटी ने देसी कलाकार ऐप बनाकर दिया टिकटॉक का विकल्प

दर्जी के दो बेटो और व्यापारी की एक बेटी ने देसी कलाकार ऐप बनाकर दिया टिकटॉक का विकल्प

आत्मनिर्भर भारत के आह्वान और टिक-टॉक के बैन के मात्र दो दिन बाद ही हिसार के दो दर्जी के दो बेटों व व्यापारी की एक बेटी की टीम ने टिकटॉक के भारतीय विकल्प के तौर पर ‘देसी कलाकार’ नाम से अपनी खुद की एंड्रोएड ऐप बना ली है। ऐप बनाने वाले दोनों युवक गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के जबकि लड़की कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की छात्रा रही है

यह ऐप अब गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और ट्रायल के दौरान मात्र दस दिन में ही हजारों लोगों ने इसको डाउनलोड कर लिया है और इसको 4.8 रैंकिंग भी मिल चुकी है।

देसी कलाकार ऐप को बनाने वाले किशन, अंशुल गर्ग और रोहित अग्रोहिया ने बताया कि इस ऐप को बनाने की योजना तो दो माह पहले ही बना ली थी लेकिन इसको बनाने में एक माह का समय लगा है। उन्होंने बताया कि इस पर और भी काम जारी है लेकिन अब यह प्रयोग के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि यह देसी कलाकार ऐप चाइनीज प्रतिबंधित ऐप टिकटॉक का पूर्ण विकल्प है और टिकटॉक की तर्ज पर इस पर भी कोई व्यक्ति उपलब्ध संगीत के अलावा अपने संगीत या आवाज के साथ भी वीडियो बना कर अपलोड करके व्यूज लेकर देसी कलाकार स्टार बन सकता है।

किशन ने बताया कि भविष्य में वे इस ऐप के माध्यम से इसके प्रयोक्ताओं को यूट्यूब की तर्ज पर कमाई का साधन भी उपलब्ध करवाएंगे ताकि इसके माध्यम से स्टारडम हासिल करने वाले कलाकार कमाई भी कर सके।

इस ऐप को बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले किशन बड़वाली ढाणी के रहने वाले हैं और इनके दादा सीताराम खत्ती की राजगुरु काम्पलेक्स में न्यू रैनबो टेलर्स के नाम से दुकान है। इनके पिता विनोद कुमार खत्ती व चाचा सुरेंद्र कुमार खत्ती भी दर्जी का काम करते हैं। किशन की मां ममता खत्ती गृहणी है और बड़ा भाई नरेंद्र वर्मा प्रोफेशनल फोटोग्राफर है जबकि बहन राखी वर्मा ने बीकॉम की पढ़ाई की हुई है। किशन ने वर्ष 2017 में गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से इनफोरमेशन टेक्नोलॉजी में बीटैक की हुई है।

ऐप बनाने की टीम के दूसरे सदस्य रोहित अग्रोहिया भी बड़वाली ढाणी का रहने वाला है और इनके दादा कन्हैया लाल अग्रोहिया व पिता जगदीश प्रसाद अग्रोहिया पेशे से दर्जी हैं और घर पर ही काम करते हैं। रोहित की मां गोदावरी देवी ग्रहणी है और तीन बहनें रेणु, मीरा और ज्योति की हिसार व जयपुर में शादी की हुई है। रोहित अग्रोहिया ने भी वर्ष 2017 में गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से इनफोरमेशन टेक्नोलॉजी में बीटैक की हुई है।

ऐप बनाने की टीम की तीसरी सदस्य अंशुल गर्ग डीसी कॉलोनी की रहने वाली है और इनके पिता आदित्य गर्ग का सैनिक छावनी के गेट नंबर 1 के समने शिव डिपार्टमेंटल स्टोर है। इनकी मां कुसुम गर्ग गृहणी है और बड़ा भाई हिमांशु गर्ग ऑस्ट्रेलिया में एमटैक की पढ़ाई कर रहा है।







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